नीलगर और रंग दे
पल्ला पल्ला पर दादर मोर रंग दे
घूँघट पर बाई सारो बीरो ये
नीलगर और रंग दे
और रंग दे रे म्हाने औजू रंग दे
म्हारा सासुजी के दाय कोनी आई रे
नीलगर और रंग दे
सुसरोजी रंगाई म्हारे लाल ओढनी
म्हारा सासुजी के दाय कोणी आई रे
नीलगर और रंग दे
जेठजी रंगाई म्हारे पीलो पोमचो
म्हारी जेठानी के दाय कोणी आई रे
नीलगर और रंग दे
देवरियो रंगायो म्हारे लाल चुनरी
म्हारे सायब जी के दाय कोनी आई रे
नीलगर और रंग दे
पल्ला पल्ला पर दादर मोर रंग दे
घूँघट पर बाई सारो बीरो ये
नीलगर और रंग दे
और रंग दे रे म्हाने औजू रंग दे
म्हारा सासुजी के दाय कोनी आई रे
नीलगर और रंग दे
nice rajasthani songh i love this song
ReplyDeleteWow it's so melodious song
ReplyDeleteकृपया कोई इस गाने का हिंदी मतलब बताइये।मस्त गाना है।अनुप्रिया लखावत को आजकल सुन रहा हूँ।हर गाना उनका मस्त है।लेकिन ठेठ राजस्थानी मारवाड़ी बोली समझने में थोड़ी दिक्कत है
DeleteWah. .
ReplyDeleteकृपया कोई इस गाने का हिंदी मतलब समझा दे।मस्त गाना है।अनुप्रिया लखावत को आजकल सुन रहा हूँ।हर गाना उनका मस्त है।
ReplyDeleteAre hum rajputo ki shyan rajsthani boli
ReplyDeleteयहाँ इस गाने में घर की छोटी बहुरानी गाते हुए बोल रही दुप्पटे को रंगने वाले को की तू और रंग दे क्यों कि मेरी सास को पसंद नही आया।
ReplyDeleteएक एक कर के घर के लोगों का बताती है सबसे ससुर जी का उन्होंने लाल रंग की ओढ़नी कराई उसे पर सास को पसंद नही आई तो रंगने वाले इसे और रंग दे ऐसे ही वो अपने जेठ के लिए बोलती है ...
Good
Deleteवाह
ReplyDeleteSuper
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